ए म्हारा नाकोडा रा भेरू तने वारी वारी जाऊ
म्हारा अंबे मां ना लाल तने वारी वारी जाऊ
ऐ तारी आंगी मा हिरा सवा लाख जडी देऊ
तने चार चार चांदला वाली आंगी जड़ी देऊ|धृ|
ए पोष दशमी री रात थारो मेलो लागे आज
ए तारा मंदीरिये आज भेरू भोपा नाचे साथ
तारा भोपा ने घुमवा हु तो साथ लई आऊ
ए भेरू घुमावाने हु तो तने साथ लई जाऊ
तने चार चार चांदला वाली||१||
ए आयो अवसरीयो आज मारा आंगणे अनमोल
मेवानगरी मे आज बाजे शरणायु ने ढोल
तारा नाना नाना पगमा घुंगरा बंधाई देऊ
ऐ तारा घुंगरानो हु तो झनकार थई जाऊ
तने चार चार चांदला वाली||२|
ए कोई लावे हे कार कोई हाथी घोडा साथ
तारा दर्शन करवारी दादा सबने लागी आस
तारा दर्शन करवाने हु तो पगे पगे आऊ
ऐ तारी जातरा करीने भव पार थई जाऊ
तने चार चार चांदला वाली ||३||
ए तारा मंदीरिये आज लागे भक्तो री हे लाईन
तारा करने दर्शन म्हारू मन हरखाय
ए दादा हाथ जोडीने हु तो जोतो रही जाऊ
ऐ भैरु बंद कर आंखडी ने तने जोई लेऊ
तने चार चार चांदला वाली ||४||
Written by :-केतन जी ओसवाल ,पुणे🙇🙇
तर्ज :-- चार चार बंगड़ी वाली...
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