मनोहर मूरत भैरूदादा की दिल में उतार लो।
अवसर मिला नसीब से जीवन सुधार लो।
माना तुम्हारी नाव किनारे पे है खड़ी।
तूफ़ान का भरोसा क्या, आ जाय किस घडी।
कैसे करोगे सामना कुछ तो विचार लो।
जिसके भी दिल में भैरूजी की मूरत बस गयी।
उसे छोड़ करके भैरूजी जाते कहीं नही।
रहते है आस पास ही जब भी पुकार लो।।
🙏जय हो नाकोड़ा पार्श्वभैरव देव की🙏
🙏🌹🌹🙏

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